Monday, April 4, 2016

तेरे चहेरे को जो गुलाब लिखता हूँ

तेरे चहेरे को जो गुलाब लिखता हूँ
मैं  एक हसीं सा ख्वाब लिखता हूँ

चाँद -तारे सभी  देख  इतराने लगे
मैं झमीं का तुझे महताब लिखता हूँ 

जो लिखे थे खत तूने बरसो पेहले 
उन का ग़ज़लों में जवाब लिखता हूँ 

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